Sunday, June 14, 2009

मस्त है रीड ALL!!!

सुनीता एक शादी शुदा और दो बच्चो की माँ है. वो मेरे बड़े साले की बीवी है. मुझसे करीब १० साल बड़ी यानी की ४० साल की… लेकीन उसे देखकर लगता है की उसकी उमर ३०-३२ की होगी, गोरा रंग, ३४ ३० ३६ का फीगुर , उसके बाल लंबे है और कुलहो तक आते है, खुले बाल ले कर जब वो कुल्हे मटकते हे चलती है तो आग सी लग जाती है.
मुझे उसकी नज़रों से लगता था की वो मुझे चाहती है. मेरे सामने उसकी हरकते बड़ी मादक होती थी,छेडछाड और मज़ाक वगैरह, कभी कभी ऐडलट जोकेस भी.

लेकीन उसने कभी लीमीट नही क्रॉस की थी और उसकी येही अदा मुझे उसकी तरफ खीचाती थी.उससे मील के आने के बाद मैं बेचैन हो जता था और उस दीन सुधा (मेरी पत्नी ) को बुरी तरह चोदा था, वो भी कहती थी आज क्या हो गया है..उफ़ मर डालोगे क्या.. वो बेचारी वैसे ही मेरे मोटे लंड से खौफ खाती थी, पहली रात की चुदाई के बाद ही उसने मुझसे वादा लीया था की मैं उसके साथ अहीस्ता और सलीके से सेक्स करु… बेचारी को क्या मालुम की मैं उसे नही सुनीता भाभी को चोद रह हु.(मैं उन्हें भाभी कहता हू)….और सुनीता भाभी को तो ऐसे ही चोदना होगा…तभी मजा आयेगा… मैं दीन रात उस मौक़े की तलाश मे रहता था…. और एक दीन वो मौका आ ही गया..
हुआ यु की मेरी Wife और उसके भाई यानी भाभी के हसबंड को अपने कीसी property के सिल्सीले मे अपने पुश्तैनी गांव मे जाना था, मुझे भी उन्होने चलने के लीये कहा लेकीन मुझे ऑफीस मे कुछ जरुरी काम था.
मैं उन्हें सुबह स्टेशन पर छोडने गया.. तब भाई साब ने कहा सुनीता अकेली है और बच्चे भी नाना के यहाँ गए है एक महीने के लीये. तुम शाम को एक फ़ोन कर लेना घर पर या फीर घर जा के आना. मैंने कहा जी ठीक है.और मैं वही से ऑफीस चला गया.शाम को लौटने मे देर हो गयी करीब ७ बज चुके थे. अचानक सेल पर मेरी बीवी का फ़ोन आया… अरे भाभी का फ़ोन नही लग रहा ..तुमसे कोई बात हूई क्या? मैंने कहा “नही”
“प्ल्ज़ जरा उनके घर जा कर आओ”
मैंने कहा ठीक है..लेकीन अचानक मेरे दीमाग मे घंटी भाभी..”यह गोल्डन चांस है ” आज seduce करो और चांस मीले तो ………. कम कर लो.
मैंने t शर्ट और जींस पहना , एक अच्चा वाला सेंट स्प्रे कीया और कार लेकर चल पड़ा उनके घर.
उनका घर दोमंजीला है
मैं वहा पोहुचा तो आवाज़ दी .. भाभी………
कोई आवाज़ नही आयी..
फीर दरवाज़ा खटखटाया.. . तब हलकी आवाज़ आयी तुम रुको मैं आती हू
थोड़ी देर मे दरवाजा खुला..ऊऊउफ़् भाभी के बाल थोड़े बीखरे हुये उनके चहरे पर आ गए थे और सीने पर दुपट्टा नही .. क्या मस्त चुचीयां है… मेरी बीवी की इनके सामने कुछ भी नही…” आओ..
“भाभी आपका फ़ोन बंद है क्या”
“मालुम नही, वैसे बोहोत देर से कीसी का फ़ोन आया नही”
मैं फ़ोन का रेसिएवर उठाया..”ओह भाभी ये तो बंद है”
मैंने अपने सेल पर सुधा का फ़ोन लगाया ” हाँ सुधा भाभी का फ़ोन बंद है .. लो भाभी से बात करो.”
Un दोनो ने कुछ बात की फीर भाभी ने कहा तुम थोडा बैठो मैं ऊपर स्टोर मे से कुछ समान और बीस्तर नीकाल रही हू
वहं का बेड साफ कीया अभी और भी थोडा काम है फीर चाय बनाती हू..”
मैं चुप रहा और उन्हें देखता रहा उन्होने मेरी तरफ देखा और कहा “लगता है सुधा की बोहोत याद आ रही है;” और एक Sexy smile दी.
मैं तो तड़प गया, फीर वो उनके Sexy कुल्हे मटकते सीडीया चढ़ने लगी और कहा”तब तक तुम tv देखो”
मैं अपने को रोक नही सका और ५ min. बाद मैं भी सीडीयाँ चढ़ के ऊपर पोहचा, वहा भाभी की पीठ मेरी तरफ थी और वो बेड को ठीक कर रही थी
मैंने उन्हें पीछे से पकड़ लीया…
” क्या कर रहे हो”
“प्यार”"अभी अपने कहा ना सुधा को मीस कर रहे हो: मैं उसे नही आपको मीस कर्ता हू भाभी”
“बदमाशी मत करो”और मैंने अपने लंड को उनके हिप्स पर दबाया.. जो अब थोडा कड़क हो रहा था.. वहा लगते ही उसकी साइज़ बड़ने लगा .वो मुझसे छुटने की कोशीश करने लगी ..मेरा हाथ उनके चुचियों पर पोहुच गया..मैंने उनके गर्दन पर पीछे किस कीया..
“अमजद प्ल्ज़ ये गलत है”
“क्या गलत है भाभी”
“मैं सुधा की भाभी हू”
तो क्या हुआ..आप इतनी हसीं हो की मेरा दील मचल गया है अपके लीये.
उनकी गांड मे घुसने जा रह था आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् धीईरे…… मैंने हाथो से.उनकी चुह्की और जोर. से दबायी नहीई करूऊऊ.
मेरा लुंड पुरा तिघ्त हो कर.
कर रही है…….
“नहीई”
मैंने हाथो से उनकी चुच्ची और जोर से दबायी
आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् धीईरे
ये सुन कर मैं समझा गया भाभी चुद्वाना तो चाहती है…लेकीन नखरे कर रही है.. मेरा लंड पुरा tight हो कर उनकी गांड मे घुसने जा रह था.
अब वो भी अपनी गांड मेरे लंड पर दबा रही थी
मैंने उनकी कमीज़ के अंदर पीछे से हाथ दाल दीया.. नरम पीठ से होता हुआ मेरा हाथ सीधे ब्रा के हूक पर गया
मैंने उसे जोर से खीचा वो टूट गया…….
क्या कर रहे हो?
आप प्यार से नही करने दे रही है
क्या नही करने दे रही हू ?????
और वो घूम गयी, मैंने इस मौक़े पर एकदम उनका चेहरा पास लाया और उनके रसीले लाल होटो पर मेरे होट चीप्का दीये.. पहले तो वो मुह इधर उधर करने लगी..फीर थोड़ी देर बाद मेर होटो को जगह मील गयी…….. वो लम्बा चुमबन.. गीला……. ……ऊओह् .. और भाभी मुझसे दूर हटने लगी.. मैने फीर भी नही छोडा उन्हें
और अब उनकी गांड जोर से पकड़ के खीचा.. मेरा लंड उनके पेट पर लगा…. उनके हाथ झटके से मेरे गले पर आ गए..फीर एक बोसा…
इस बार गांड दबाते हुये और उन्होने मुह मेरे मुह से नही हटाया…… ..
मैंने उनके कमीज़ को ऊपर करना शुरू कीया…और गले तक ले आया, उनके हाथ ऊपर कीये और निकल दीया…..
“क्या कर रहे हो”
“प्यार भाभी”
मैंने अपना कुरता भी अब नीकला…
वो जाना चाहती थी लेकीन कमीज़ नीकल गयी वो ऊपर पूरी नंगी थी जली वाला ब्रा था और उसमे से उनके अंगुर जैसे काले नीप्पल दीख रहे थे
मैंने देर नही की झपट के उन्हें पाकर और नीप्पल पर मुह लगाया..
“आआआआआआआह्ह्ह्ह् हा अमाजाद्द्द्द्द. .. मैं तुमसे बड़ी हूऊ.. ये मत करो..” लेकीन मेरा सीर उन्होने अपनी छाती पर दबा लीया
मैंने पीछे हाथ कीये और .. ब्रा का हूक तोड़ दीया .. बड़ी बड़ी दुधीया चुचीया बहार मेरे हाथो मे आ गयी.. जोर से दबयेया.
ऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् फ्फ्फ धीईरीईईईई इतने ज़ोर से मत दबाऊऊऊऊऊ”
मैंने कुछ सुना नही, उनके बिस्तर पर धकेला… उनके पैर नीचे लटक रहे थे… मैंने सलवार की येलास्टिक खीची तो साथ मे Pink कलर की पैंटी भी नीचे आ गयी.. बजीईईईइ- अमजाद्द्द्द्द्द्द क्या कर रहे हूओओ.. मुझे खराब मत करो… लेकीन उन्होने गांड उठा दी और सलवार नीकाल आयी और पैंटी भी… चुत.. पर छोटे छोटे बाल थे..
मेरा तो लंड अब बेकाबू होने लगा…….. . भाभी की गांड पर हाथ फेरा और ज़ोर से मसल दीया,..
आआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह …प्ल्ज़ मत करूऊऊ… . वो उछाल पडी… क्या गोरी और चीक्नी गांड थी उनकी. मैंने आब अपने कपडे उतरना शुरू कीया.. इस मौक़े का फायदा उठा कर भाभी उठी और कपडे उठा कर जल्दी से नीचे भागी
मेरी पैंट आधी खुली थी.. मैंने पूरी खोली , उसे वही फेका और अंडरवीयर मे उनके पीछे भगा वो अपने बेड रुम मे घुस गयी दरवाजा बंद दीया… मैं दरवाजे के पास गया और हलके से धकेला….दरवाजा खुल गया भाभी वैसी ही बेड पर उलटी लेटी हूई है..मैं समझ गया…. मैं उनके पीछे गया.. मैंने अपना अंडरवीयर भी नीकाल दीया..मेरा कला मूसल जैसा ९” का लंड छिटक कर बहार आ गया. मैं पीछे से उन्हें मेरा लंड टौच कीया…वो चौंक कर पलटी….आआआआआ ओछ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ …. मुझे क्यों परेशां कर रहे हो..और ये क्या……… ……. ही अल्ल्लाआआआह्ह्ह्ह्ह्ह् इतना बड़ा और मोटा…….. . बाप रे… सुधा तो रोती होगी?
“उसकी बात चोर दो भाभी” लेकीन आप को तो ये अच्चा लगेगा. मैंने फीर से उन्हें दबोच लीया..अब मेरा लंड उनके पेट के पास था… मैंने उनकी चुचीया ज़ोर ज़ोर से मसलन शुरू कीया और उनके होट चूमने लगा…इसबार वो सीर्फ आआआआह् नही..ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्. अमजद मत्त्त्त्त्त्त्त करू..लेकीन साथ मे मुझसे लीपटी जा रही थी
मेरे लंड का प्रेचुम उनके पुरे पेट को गीला कर रह था.
मैंने उनसे कहा इसे पकडो ना…..और उनका हाथ मेरे लंड पर लगाया..उन्होने बदमाशी की और उसे पकड़ के जोर से दबा दीया..”आआआआआह् भाभीभी…………., पयार से सह्लाओ”
“क्या प्यार से इतना मोटा”..भाभी पुरानी खीलाडी थी लेकीन फीर भी कहा तुम्हारा बोहोत लम्बा और मोटा है……… ….. तुम आज मुझे बर्बाद कर के चोडोगे.
मैंने कुछ नही कहा और उनके गोरे पेट को सहलाते हुऐ जीभ से गीला करने लगा…….. …भाभी मुझे धल्केल रही थी लेकीन उन्होने मेरा लंड नही छोडा ….
मैंने अब सीधे उनके पैर फैला दीये…मेरा मुह उनके पैरो के बीच रखा और चूमा…आआआआआअ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ कीत्ने गंदे हो..वहा क्यों मुह लगा रहे हो?
“भाभी अभी आप कुछ मत कहो”
“तुम भाभी भाभी कहते हो, कहते हो इज्जत कर्ता हु…ये इज्जत का तरीका है……… ..उयीईईईईई ईईईईइ. ……… .” मेरी जीभ चुत के अंदर दखील हो गयी और मैं अंदर गोल गोल नाचने लगा…….. ….आआआआह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्छ अम्जाद्द्द्द्द मैं पागल हो रही हूऊऊ.ये मत्त्त्त्त्त्त्त करूओ प्ल्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज़. . मैं तुम्हारी भाभी हूऊउ.
लेकीन मुझे अब उनकी गुलाबी चुत और उसके अंदर का नमकीन पानी ही याद था..मैंने तेजी से चाटना शुरू कीया..भाभी अपनी गांड उछालने लगी थी……. अमजद्द्द्द्द ………… अ..मम…ज्जाद्द्द्द D हरामीईइ ये क्या कर रह हैईई..आआअह्ह्ह्ह्ह् , भाभी का बदन अकडने लगा था…उनका पानी नीकलने वाला है ये मैं समझ गयाआआ… ..अब मैंने अपनी एक ऊँगली उनके मुह मे डाली उन्होने कट ली फीर उसे धीरे धीरे चूसना शुरू कीया..मैंने पोसीशन बदली और उन्हें उठाया…… .कीनारे पर मैं बैठ गया ..और उनसे कहा नीचे आओ
“क्यों”
आओ तो
वो नीचे आयी मैंने उन्हें घुटनों पर बीठाया
मेरा लंड उनके मुह के सामने था…वो तो तड़प रही थी फीर भी उठ कर जाने लगी.. मैंने जबरदस्ती बीठाया और लंड को उनके गालों पर राग्डा… फीर होटो पर रख कर कहा इसे कीस करो……
वो मेरी तरफ देखने लगी… मैंने उनके सीर को पकड़ा और लंड को होटो पर राग्डा.. चाहती तो वो भी थी…पहले थोडा चाटा जीभ से फीर होटो को खोला और लंड का सुपाडा मुह मे लीया…मैंने देखा उनके छोटे मुह मे लंड नही जा रह था.. बोहोत मोटा जो है.. मैंने सीर को कास के पकड़ा उअर दबाया ले साली….. . बोहोत दीनो से तडपा रही हो…. अपनी चूची और चूतर दीखा दीखा के.. अउब उन्होने चूसना शुर कीया मैं तो जन्नत मे पोहुच गया था..ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् बजीईईईईईई मज़ा आ रह है……… . थोड़ी देर बाद मुझे लगा की मेरे गोटीयों मे सुजन आ रही है मेरा हो जाएगा…. मैंने भाभी को उठाया और बेड पर लीटा दीया

पैर नीचे लटक रहे थे… पैरो को उठाया..
” नही प्ल्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज़. .. अभी मैं सैफ नही हूऊऊऊउ.. .. मैं माँ बन जौन्गीईइ.. नहीईई. मैंने कहा फीक्र मत करो मैं बहार नीकाल लूँगा
और पैरो को फैलाया अपने कंधे पर रखा….. लंड को चुत के ऊपर रगड़ना शुरू कीया……
“भाभी कैसा लग रह है”
“हरामजादे अपने लंड को मेरी चुत पे लगा के भाभी कह रह हैईईई… ..अब जल्दी कर जो करना है”
ये सुन कर मुझे तो जोश आ गया और आपना लंड उसकी चुत पे धीरे धीरे रगड़ने लगा रगड़ता रहा र्ग्डता रहा भाभी को छट्पटाता हुआ देख के मुझे बहुत मजा आ रहा था !! फीर मेने भाभी के मुम्मे दबाने लगा !! वो बोली मादर्चोद और कीतना तड़येगा !! मैं हंसा और अपाना लंड उसके छेद पर रख कर दबाया.
भाभी तड़प उठी…….ऊऊओह्ह्ह् ह्ह्ह मर गयीईई माद्र्र्र्र्र्चोदददद निकल्ल्ल्ल्लल्ल्ल निकाआल्ल्ल. …… बोहोत मोटा हैह्ह्ह्ह.. मैं मर जाऊगीईईईइ. … ” मैं रूक गया. और उसे लंड को बहार खीच लीया. भाभी ने आंखे खोली….और पुछा”अब क्या हुआ?” मैंने कहा अपने कहा नीकाल ईसलिए नीकाल लीया”
“हरामी क्यों तडपा रहा हईई… अब जो करना है कर…”
मैंने आव देखा ना ताव और लंड को चुत पर रख कर जोर का झटका मारा…….. …भाभी का पुरा बदन एठ गया आआआआआआआआआअ आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्छ मार दलाआआआअ रेई हरमीईईई. ……… .. ये आदमी का है की घोड़े का, सुधा की क्या हालत करते होऊ, ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् पूरी भर गयी मेरी… मैंने अब थोडा थोडा आगे पीछे करने लगा और भाभी को चूमने लगा… नीप्पल को चूसने लगा.. वो थोडा नॉर्मल हूई और उनकी चुत ने भी अब फीर से पानी छोर… मैने आधा लंड बहार नीकाल के इस बार तुफानी शोट मारा और …… बील्कुल धोनी की sixer की स्पीड से लंड पुरा भाभी के चुत मे पेल दियाआआआअ. ,उयीईईईईईइ ईईईईईई माआआआआआ कीस मनहूस घड़ी मे मैं तुम्हारे हाथ लग गयीईईईइ………… मैंने उनके बगल के नीचे से हाथ डालकर उनके कंधों को पकड़ा जीससे वो हील नही पाए और फीर मैंने धोनी की स्टाइल batting शुरू की…. वो उफ़ उ फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ आआआआआआह् अह्ह्ह्ह्ह्छ कर रही थी, चुत से पानी की धार लग गयी उनकी गांड तक बहने लगी और नीचे चादर भी गीली हो रही थी… मेरी स्पीड जोर से थी. . भाभी के मुह से नीक्ला। ….. वहा मेरे शेर !!! वाह आज मुझे पहली बार इतना मजा आया ऊऊऊ..आज मेरी मुराद पूरी हो गयीईईईइ. .. ऊऊऊह् ऊओह्ह्ह्ह्ह्ह् मेरा होने वलाआआ हैईईईई और ज़ोर सीईई मैं उनके पुरे बदन को चूम रह था, काट रह था.. उनके लंबे नाखुम मेरे पीठ मे गड रहे थे . फाड़ दे… मेरी फाड़ दीईईईए.आआआआ आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्
उन्होने मुझे कस के पकडा और वो झड़ने लागी… करीब २ min उनका orgasm चालू थाआआआ.. इधर मेरा भी होने वाला थाआआआ. उस तुफानी स्पीड मे मैंने कहा भाभी मेरा झडने वाला हैईईईई मैं कहॉ निकलू.
“मेरे अंदर डाल दो, दूऊऊऊओ .. आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् लो बजीईईईईईई ये लूऊऊऊऊऊओ और मैंने लंड को उनकी चुत के एकदम अंदर मुह पर टीका दीया और मेरी पिचकारी शुरू हो गयी . दोनो ने एक दुसरे को कास के पकड़ा था.. इसी तरह हम करीब १० min रहे. उन्होने फीर मुझे धकेला और मेरी तरफ देखा.. कर दीया ना भाभी को खराब.. और मुझे धकेला. मैंने उनकी चुत से लंड बहार खीचा , वो मासूम भाभी के और मेरे पानी से लिपटा हुआ था.. उसे देख कर भाभी ने कहा… देखो कैसे मासूम लग रहा.. उन्होने नीचे देखा… चुत फुल गयी थी उन्होने हाथ लगाया और सीहर उठी देखो क्या हालत की तुमने……छोटी सी थी.. कीतना सूज गयी है..और कीतना दर्द हो रह है…….उनकी चुत से मेरा सफ़ेद पानी और उनका पानी बहार टपक रह था चुत का मुह भी खुल गया था… वो उठ भी नही पा रही थी कीसी तरह मैंने उन्हें उठाया और बाथरूम ले गया..

एक बार की चुदाई के बाद भाभी की हालत तो एकदम खराब हो गयी थी..इस उमर मे इतनी जबर्दस्त चुदाई होगी.ये उन्होने सोचा भी नही था..लेकीन मुझे भी उनका वो गदराया बदन इतने सालों बाद मीला..मैंने जम कर चोदा..सबसे बड़ी बात ..मुझे पता था की भाभी को मोटे और लंबे लंड से ज्यादा मजा आयेगा और वो मेरे पास है…लेकीन मेरी बीवी मुझेसे इस तरह चोदने नही देती..रोने लगती है..और मुझे चुदाई मे रहम से नफ़रत है…खैर मैं उठा..लंड तो पुरा लथपथ था..इतना माल तो मेरा कभी नही नीकला था.. और भाभी की चुत भी मुह खोलें “O” हो गयी थी..पूरी लाल दीख रही थी.. बाथरूम बाजु मे था !!!!
मैंने देखा भाभी ठीक से उठा नही पा रही है… मैंने उन्हें हाथ पकड़ के उठाया..मैंने देखा भाभी के कांख मे बाल है..और चुत पर भी बल अब बडे थे ..
मैं: भाभी आप कांख के बाल क्यों साफ नही करती?
भाभी: नही क्यों?
मैं: कीया करो ना.. और स्लीव्लेस पहना करो
भाभी: वह शेव केसे करु डर लगता है काट जाएगा तो ????
मैं: शेवींग का समन दो मुझेसे..
भाभी : क्यों?
मैं: मैं कर देता हु आपका जंगल साफ.
मैंने शेवींग का समन लीया..भाभी को मैंने सामने खड़ा कीया..उन्होने एक हाथ ऊपर करने के लीया ..भाभी पूरी नंगी खडी थी मेरे सामने… और मेरा लंड आधा खड़ा हो रहा था.. उनके कांख मे साबुन लगा कर आराम से शेव कीया..इस बीच उनकी चुचीया भी सहला रहा था… निप्प्ल कड़क होने लगे थे..
भाभी:तुमने मुझेसे रंडी बाना दीया..मैंने पहली बार कीसी दुसरे मर्द को नंगा देखा..और खुद भी इतनी बेशरम जैसी तुम्हारे साथ नंगी खडी हु.
मैंने दोनो कांख पानी से धोया और उस पर कीस करने लगा..
भाभी: ..आआआआआअह् फीर से मुझे मत गरम करो प्ल्ज्ज्ज़….एक बार मैंने गुनाह कर लीया हैईईईइ.आआआआ आह्ह्ह्ह्छ
मेरे होंठ उनके निप्प्ल पर आ गए और उन्होने मेरा सीर जोर से दबा लीया..मेरा खड़ा लंड उनकी चुत के दरवाजे पर खड़ा था….वो अपनी चुत उसके साथ सटा रहा….आआआआ ह्ह्ह्ह्ह्छ . …..मात्त्त करूऊ नाआआआआ.
मैं: क्या मत करो?
भाभी: बोहोंत बदमाश हो तुम? अपने से बड़ी भाभी के साथ ये सब कीया..?
मैं अपने लंड को उनकी चुत पर राग्डने लगा… चुत का पानी आब बाथरूम के फ्लोर पर टपक रहा था.. तभी भाभी से नही रहा गया और खुद मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा और अपने चुत के दाने पर रगड़ने लगी….मैं तो बेकाबू होने लगा. वही दीवार पर उनकी पीठ टीका दी और उनके पैर खुद ही फेळ गए लंड को रास्ता देने के लीये…..ऊऊउफ़्फ़्फ़्फ़् कीतना पानी नीकाल रही थी भाभी..लगता है सालो से चुत को लंड नसीब नही हुआ. मैंने वैसे ही खडे खडे अपना लंड सेट कीया और क़मर हीला के धक्का मारा.
भाभी:आआआआअह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह हरमीईईई. धीरे कर ना..अपनों बीवी की चुत समझी है क्या?
मैं: बीवी की नही मेरी Sexy भाभी की गाद्रायी चुत है इसीलीये तो.
भाभी:अरे अभी तक दर्द हो रहा है..आआआआअह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह
उन्होने हाथ लगा कर देखा..अभी तो इतना बहार है..हीईईइ आल्लाह्ह्छ मैं तो मार जाउंगी…
मैं: अपको दर्द है तो मैं बहार नीकाल लेता हु?मैंने तद्पाने के लिए कहा.
भाभी: अरे ..अब्ब इतना डाल के बहार निकलेगा…. ..और अब उन्होने खुद चुत को लंड पर दबाया .. ..कीतना मोटा है . .
मैं अब क़मर हीला के आगे पीछे कर रहा था……
भाभी की चुत ने इतना पानी छोड दीया की अब लंड आराम से जा रहा था और मैंने भी अब सनसना के धक्का मारा और पुरा लंड अंदर.
मर्र्र्र्र्र्र गयीईईईईईई. .. सच मे मर्द हो…आज्ज मुझेसे लगा की असली मर्द क्या होता है…. i लोवे u ..मेरे राजा…चोदो मुझेसे ज़ोर से चोद्द्द्द्द्द्द्दूऊऊओ.
फाड़ दो मेरीईईईइ.
मैं”(धक्के लगते हुये और उनके निप्प्ल को कटते हुये) क्या फाड़ दु भाभी?
भाभी: जो फोड़ रहे हो…
मैं : उसका नाम बोलो..
भाभी:अपना कम करो.
मैं:अभी तो एक जगह और बची है उसे भी फाड़ना है…सबसे Sexy तो वोही है तुम्हारे पास.
भाभी: क्या?
मैबजी के चूतर पर हाथ लगाया और उनकी गांड के छेद मे ऊँगली डाल कर ये वाली फाड़ना है
भाभी:आआआआआह्ह्ह्ह् हह नहीईईईइ वो नहीईइ ..वो तो मैंने उनको भी नही दी.
मैं : तो क्या हुआ.. मुझेसे तो पसंद है.
भाभी : नही नही..
मेरे धक्के चालू थे.. मैंने देखा भाभी का बदन अकडाने लगा है…….. पैर सीकोड कर लंड को कस रही थी और मेरे कंधे पर दांतों से कटने लगी….. नाख़ून मेरे पीठ को नोच रहे है…….. ये क्या कीया.. आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् मैं गय्य्य्यीईईईइ मेरा होऊ गयाआआआआआअऊओ ऊओह्ह्ह्ह् आब्ब नैहीईईईईइ आआआह् हाआआआआअह् आः
और भाभी की चुत का पानी धार निकलने लगी मै गीरने लगा.. मैं रूक गया..वो एक दम हलकी हो गयी थी.
मैंने अब उन्हें दीवार से हटाया और बाथ टब के अंदर ले गया
उसमे पानी और साबुन भरने लगा..मैंने देखा उनकी चुत पर भी बाल है . सोचा अगर इसे भी चीकनी कर लू तो.. मैंने उन्हें वही लीटा दीया..
भाभी: अब क्या कर रहे हो?
मैं: तुम्हारे खजाने को और खुबसुरत बाना रहा हु जान..
भाभी:क्य्का कहा..जान.. फीर से कहो ..आःह्ह्छ मैं तुम्हारी जान..
लो कर लो साफ इसे भी.
मैंने चुत पर भी साबुन लगाया..और उसे साफ करने लगा..
जब चुत पूरी साफ हो गयी मैंने गरम पानी से धोया…मेरा हाथ बार बारा उनके दाने से लग रहा था…इधर मेरा अभी तक dischaarge नही हुआ एक बार भी नही हुआ था.. सो वो तो उछाल रहा था.. मैंने भाभी से कहा इसे थोडा सह्लाओ ना…… इसे !!!
मैं उनके मुह के पास लंड को ले गया..उन्होने कुछ नही कीया…मैंने उनकी चुत को देखा..दोनो जांघों के बीच एक लकीर.. लग रहा था की एक शर्माई हूई मुनीया ..मैंने हाथ फेरा… लकीर के बीच ऊँगली डाली..फीर से गीली लबालब पानी..मुझसे अब रहा नही गया मैंने..भाभी के पेट को चूमना शुरू कीया. और दोनो पैर भाभी के दोनो तरफ डाले और उनकी पर मुह रख दीया..
भाभी तड़प उठी,,छीई गंदे..और पैर उठाने लगी…मैंने जबरदस्ती पैरो को फैलाया और उनका जूस चटाने लगा.. जीभ को दाने पर राग्डा……. .. मेरा लंड उनके मुह के पास लटक रहा था भाभी से रहा नही गया उन्होने उसे हाथ मे पाकर और खीच रही थी मैंने क़मर और नीचे की और उसे ठीक उनके होटो पर टीका दीया…थोड़ी देर तो उन्होने कुछ नही कीया लेकीन फीर अचानक उसे जीभ से चाट..और होट खोलकर उसा अंदर लीया… मैंने सिहरन सी मेसूस की.
मैं..आआआअह्ह्ह् भाभी चुसूऊऊ मेरी जान….अआः मजा आ रहा हाआईईईईइ. मैं तो उनके गरम होटो के टौच से पागल हो रहा था…अब वो भी पूरी मस्ती मे उसे मुह मे ले रही थी..अचानक मैंने थोडा अंदर दबाया..लंड एकदम उनके हलक तक पोहुच गया.उन्होने तड़प कर उसे बहार नीकाला और कहा
भाभी: अब क्या मार डालोगे..इतना लम्बा और मोटा गाले के अंदर डाल रहे हो..मेरी संस् रूक जायेगी.
मैं: ओह बज्ज्ज्ज्जीईईइ आप इतना अछा चूस रही हो..
इधर भाभी की हालत फीर खराब होने लगी मेरी जीभ उनकी चुत के अंदर पुरा सैर कर रही थी..भाभी..ने फीर से पानी छोड दीया..मैंने पुरा चाट लीया उन्की गांड तक बह रहा था..गांड के छेद तक जीभ से पुरा चाटा..इधर मुझेसे लग रहा था की मेरा भी पानी भाभी के मुह मे नीकाल जाएगा….. मैंने अपना लंड उनके मुह से नीकाल लीया उनके थूक से गीला हो कर चमक रहा था और भी मोटा हो गया था. मैं उठा कर कमोड पर बैठ गया और भाभी को अपने पास खीचा…
भाभी:अब क्या कर रहे हो?
मैं: आओ ना, दोनो पैर साइड मे कर लो और सवारी करो
भाभी: दीमाग खराब है क्या? मुझसे नही होगा..
मैंने उन्हें पाकर के पोसीशन मे लीया अब वो मेरी गुलाम थी.. और लंड के ऊपर चुत को सेट कीया और कहा बैठो…… उन्होने कोशीश की…आआआआह् नही होगा.. मैंने उनके चूतड पर हाथ रखे और नीचे से धक्का कीया..आधा लंड “गप्प” से अंदर. अब मैंने उन्हें कहा धीरे धीरे इस पर बैठो….वो बैठाने लगी..फीसलन तो थी..अंदर घुसने लगा फीर वो रूक गयी..अभी भी थोडा बहार था..मैंने उनकी चूची और नीप्प्ल चूसना शुरू कीया..बोहोत कीस् कीये..और पीछे से उनकी गांड के सुराख मे ऊँगली डाली उयीईईईईईई. … और मैंने उन्हें जोर से अपने ऊपर बीठा लीया…पुरा लंड अंदर और भाभी की चीख नीकाल गयी ..आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ मार अग्यीईईईईइ ऊओह् …अभी तक २ बार चुदने के बाद भी चुत इतनी तिघ्त लग रही थी मुझेसे मज़ा और जोश दोनो आ रहा था…भाभी मेरे सीने से चीपटी रही.. फीर थोड़ी देर बाद वो खुद ही मेरे लंड पर ऊपर नीचे करने लगी… मैं भी नीचे से धक्के मार रहा था. भाभी बड बड़ने लगी आआआअह् तुमने मुझेसे जिन्दगी का मज़ा दे दीया अह्ह्ह्ह्छ मुझेसे माँ बाना दोओ.. और उनके उछालने की स्पीड बड़ गयीईई.
आआआअह् आआआआह्ह्.. …. मेरे अमजाद्द्द्द्द्द्द्द्द इतने din क्यों नही किया..आआअह्ह्ह् मेरा होने वाला है….और ऐसे ही उछालते हुये उनका पानी नीकाल गया.. वो मेरे सीने से लीपट गयी मैं उन्हें चूमने लगा.. अब मैंने भाभी को खड़ा कीया..मेरे दीमाग मे एक नया पोस आया, कमोद के ऊपर मैंने भाभी को झुकाया दोनो हाथ ..कमोद के ऊपर रखे…
भाभी..ये क्या कर रहे हो
मैं: मैं तुम्हे और मजा दूंगा जानेमन..
मैं पीछे आ गया..ऊऊओह् क्या मस्त उभरे हुये चूतड.. और ऐसे मे उनकी चुत का छेद एक्दुम गीला…और गांड का गुलाबी छेद… मैंने पीपचे से लंड को उनके चूतर पर घुमाया….. ……..और गांड के छेद पर लगाया…वो एकदम उठ कर खडी हो गयी..नईई वह नहीईईईइ. ……प्ल्ज्ज्ज्ज्ज़. नही डारलींग मैं सही जगह पर दूंगा और फीर से उन्हें झुकाया…. चूतड और ऊपर कीये ताकी चुत ऊपर हो…और फीर..
भाभी: अह्ह्ह्छ धीरे…आआआआआ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ, मेरा लंड अंदर जा रहा था, लेकीन मैंने उसे बहार खीचा और अब एक झटके मे पुरा अंदर डाला.. वो तो चिल्ला पडी अरीईईईईई मार डालोगे क्या ???.मैंने उनके चूतड सहलाये और आगे हाथ बड़ा कर उनकी चुचीया दोनो साइड से दबाने लगा… करीब ३-४ min मे भाभी फीर ….. पानी छोराने लगी.. मैंने उसी पोस मे उन्हें खड़ा कीया.. दीवार की तरफ मुह कीया.. और उनका एक पैर कमोद के ऊपर रखा……. .. और फीर तो मैंने भी राज धानी एक्सप्रेस की स्पीड से चोदना शुरू कीया.
भाभी उफ़ उफ़ आह अह्ह्ह कर रही थी,
मैं:उनके कानो के पास चूमा . जानू..मजा आ रहा है ना?
भाभी: बहूत..और जोर से करो…
अब मुझेसे लगा मेरा नीकलाने वाला है…एक घंटे से ऊपर हो गया था.. मेरी अंडों मे pressure आ रहा था.. मैंने भाभी को वही बाथ टब के अंदर लीया और लीटया .. दोनो पैर फैलाये .. घुटनों से ऊपर बोड कर एक झटके मे अंदर डाला… उनकी आंखे फीर बड़ी बड़ी हो गयी लेकिंमैने कुच्देखा नही और फीर उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ वो धक्के लगाए की भाभी की संस् फूलने लगी वो सिर्फ अआः इश्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ इश्ह्ह्ह्ह्ह्छ आआः कर रही थी.
मैं: जनूऊऊऊऊ मेरा निकलने वाल है..अंदर डालू की बहार…
भाभी..एक बार तो अंदर डाल दीया है अब बहार क्यूऊउ . डाल अंदर तेरा लोडा l.
मैं तो लूऊ आआआह् अह्ह्ह्ह्ह्ह्छ आह्ह्ह्ह ओह्ह ये लूओ मेरी जान्न्न्न … और पुरा लंड उनके बच्चेदानी के ऊपर टीकाया और 1…२..३..४. .5…6… .7..कीतनी पीचकारी मरी की मैं भूल गया..और उनके ऊपर लेट गया.. करीब १० min हम ऐसे ही pade रहे.. मैंने फीर uthkar उन्हें कीस कीया…अन्होने आंखें खोली ..
भाभी: तुमने आज मुझसे बोहोत बड़ा गूनाह karwa लीया..आज के बद मैं तुमसे बात भी नही करुँगी .
बात मत करना जान..लेकीन ये तो करोगी ना..
भाभी : बेशरम, अब मेरी जुती करेगी ये कम. मैंने अपना लंड बहार खीचा..पुरा लथपथ..उनकी चुत से सफ़ेद रस नीकल रहा था और बाथ टब मे फेल रह था….. मैंने उनकी गांड के छेद पर हाथ रख और कहा अभी तो इसका इनौगरेशन करना है.. अभी २ din और मैं यही रहूंगा..तुम्हे माँ बाना के ही जाऊंगा मई..वो बोली..क्क्य कहा..२ din ..मे तो मर जाउंगी..
मैंने धीरे से पुछा”जानेमन कैसा लगा ” वो कुछ बोली नही..सिर्फ मुस्कुरा दी..फीर हम दोनो ने एक दुसरे को नेह्लाया रगड़ रगड़ कर मेरा फीर खड़ा होने लगा था..लेकीन भाभी जल्दी से तोवेल लपेट कर बहार नीकल गयी..लेकीन. …क्या इसके बाद भाभी और चुदेगी..ये आप बताओ…अगर हां.. तो कैसे

लंड अभी भी खडा

किरण जिसकी उम्र १९ साल है
उसके सेक्सी होंठ कातिल जवानी भरी हुई गांड और मोटे मोटे चुचे किसी
भी लंड को खडा कर दे किरण हमारे ही पड़ोस में ही रहती है उसका हमारे
आती रहती है एक दिन मैं घर में अकेला था और टी वि पर सेक्सी मूवी
देख रहा था और तभी बेल बजी मैं जल्दी जल्दी टीवी बंद किया और
दरवाजा खोला तो वो boli के मेरे कंप्यूटर में कुछ प्रॉब्लम है तुम ठीक कर
दो तो मैं उसके साथ उसके घर चला गया उसके घर पर कोई नहीं था
मैंने कंप्यूटर स्टार्ट किया तो देखा की उसमे वाइरस की वजह से कुछ
प्रॉब्लम थी इतने मैं किरण मेरे लिए पानी लेकर आई मेरी नजर तो
उसके चुचों पर थी क्या बड़े बड़े चुचे थे देख कर किसी के मुह में पानी
आ जाये मैंने घर से विन्डोज़ की सी डी लाकर इन्सत्त करना शरू कर दिया
और उससे बाते करीने लगा मेरा धयान तो उसके चुचों और होठों पर
था थोडी देर बाद विन्डोज़ हो गयी तो मैंने कंप्यूटर रिस्टार्ट किया और
उसके कंप्यूटर पर फिल्स चेक करने लगा तो मैंने देखा की एक फोल्डर में
कुछ हिडेन फिल्स थी जब मैंने को फिल्स खोली तो देखा की उसमे सेक्सी
फिल्म्स और वाल्ल्पपेर थे तभी किरण वह आ गयी और कंप्यूटर
पर चुदाई का सीन चल रहा था तीन अंग्रेज एक लड़की तो छोड़ रहे
थे व्हो कंप्यूटर बंद करने लगी तो मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और
वही पर बिठा लिया अपने गोद में और उसके चुचे पकड़ लिए और मसलने
लगा कंप्यूटर पर चुदाई का सीन चल रहा था पहले तो उसने विरोध किया
पर बाद में व्हो भी गरम होने लगे और उसे भी मजा आने लगा मैंने उसे
पास में सोफे पर गिरा दिया और उसके होठों पर होठ रख दिया और
उसके कमीज ऊपर कर दी और उसके फिर उसकी ब्रा भी खिंच दी
और उसके बड़े बड़े चोचों को आजाद कर दिया और मुह में भर कर
उसके तने हुए निप्प्लेस को चूसने लगा उसके मुह से आहे निकलने लगी
हए लंड भी तन कर पैंट से बहार आने को बेताब था और उसकी टांगों में
चुभ रहा था किरण पूरी तरह से तड़प उठी और उसने हाथ दाल कर
हए लंड बहार निकल लिया हए ६ इंच लम्बा लंड देख कर मेरी हाय राम
कितना बड़ा और मोटा है मैंने भी उसकी सलवार और पांति उतार दी
और उसको उदा कर बेद पर ले गया और उसकी फुदी को सहलाने लगा
उसकी फुदी पर हलके हलके बाल थे क्या तिते चूत थी देख पर मुह में
पानी आ गया अब मैं उसके टांगों के बिच आ गया और मैंने अपनी
जीभ उसकी चूत पर रख दी उसका सीत्कार कर उठी उसकी चूत
पानी छोड़ रही थी और उसका चुदने के लिए तैयार थी पर मैं
चाहता था के उसका तडपे मैं उसके चूत तो चाटने लगा तो उसके बदन
में तो जैसे आग ही लग रही फिर मैंने उसके बाल पकडे तो अपना
लंड उसके मुह में डाल दिया पहले तो उसका मन करने लगी पर बाद
में उसे भी मजा आने लगा १५ मिनट के बाद मैंने अपना सारा माल
उसके मुह में छोड़ दिया जिसे उसका पी गयी मैंने उस 69 की पोजिसने में
लिटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा और किरण हए लोडा मुह मैंने
भर कर फिर से चाटने लगी थोडी देर बाद हए लंड फिर से खडा हो गया
मैंने उसकी दोनों टाँगे उठा कर अपना लंड उसकी चूत पर रह और
एक जोर दर दक्का मारा हए लंड उसकी चूत में फंस गया और उसका
चिल्लाने लगी मैंने उसकी परवाह न करते हुए एक और जोर का
दक्का मारा तो हए आधा लंड उसकी चूत में चला गया और उसका जोर
जोर से चिल्लाने लगे और उसकी चूत से खून भी आने लगा उसके चूत
की झिल्ली फट चुकी थी और उसका कलि से फुल बन गयी थी मैंने
एक जोर का धक्का और मारा तो हए सारा लंड उसकी चूत मैंने चला
गया मैंने उसके लंड बहार नहीं निकला और इसे की उसको किस करने
लगा और उसके चुचे रगड़ने लगा कुछ देर में जब उसका शांत हो गयी
तो मैंने फिर से दक्के मरने चालू कर दिया अब उसका दर्द काफी कम हो
गया था और उसे भी मजा आने लगा और उसका निचे से चुतद उठा उठा
कर मजे लेने लगी मैंने भी जोर जोर से धक्के मरने शुरू कर दिया उसे
बहुत मजा आ रहा था १५ मिनट की चुदाई की बाद मेरे और उसका एक
साथ झड़ गए और मैंने अपना लंड बहार निकला तो उसकी चूत खून से
लाल हो चुकी थी और उसे काफी दर्द भी हो रहा था और उससे चला
भी नहीं जा रहा था तो मैंने उसे बाँहों में था कर बाथरूम में ले गए तो
शोवेर चालू कर दिया मैंने उसकी चूत तो साबुन लगा लगा कर साब कर
दिया और हम शोवेर का मजा लेने लगे उसका फिर से ग्राम हो गयी
और हए लंड मुह में दाल कर चूसने लगी हए भी लंड खडा हो गया
मैंने उसे डौगी स्टाइल में कर दिया तो एक की बार में अपना लंड उसकी
चूत में डाल दिया और मैंने उसे जोर से चोदना शुरू कर दिया 15 मिनट
बाद उसने पानी छोड़ दिया पर मेरा लंड अभी भी खडा था मैंने कहा की
अब मै तुम्हारी गांड मारूंगा क्या मस्त गांड भी उसकी पर व्हो मन कर
रही थी पर मैंने उसे मन्ना लिया और उसकी गांड में काफी सारा तेल
लगाया और अपना लंड उसकी गांड पर रख कर एक जोर कर दक्का
मारा और मेरा आधा लंड उसकी गांड में चला गया और व्हो चिल्लाने
लगी मैंने कुछ देर रुख कर एक ही झटके में सारा लंड उसकी गांड में
डाल दिया और 20 मिनट तक उसकी गांड मरने की बाद सारा वीर्य उसके मुह
और बूब्स पर डाल दिया

साइबर कैफे में लड़की की चुदाई

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हम चोदते चले गए, वो चुदवाती चली गई...... हम चोदते चले गए, वो चुदवाती चली गई, मेरे लंड पर वो अपनी भोसड़ी हिलाती चली गयी हम चोदते चले गए, वो चुदवाती चली

http://lund4chut69.blogspot.com/

हम चोदते चले गए, वो चुदवाती चली गई......

हम चोदते चले गए, वो चुदवाती चली गई,
मेरे लंड पर वो अपनी भोसड़ी हिलाती चली गयी
हम चोदते चले गए, वो चुदवाती चली गई,
मेरे लंड पर वो अपनी भोसड़ी हिलाती चली गयी

जिस्म की वो नुमाइश थी, मजनुओं की ये फरमाइश थी
वो भरी महफिल मे अपनी चूत दिखाती चली गयी

हम चोदते चले गए, वो चुदवाती चली गई.....

शुरू हो चूका था वो खेल, लंड पे लगा था आज सांडे का तेल,
मेरा लौडा वो और अन्दर और अन्दर घुसाती चली गयी

हम चोदते चले गए, वो चुदवाती चली गई.....

झड़ते हुए लंड का माल वो चाहे हंस - हंस कर पीती है
लंड चाहे गरीब का चाहे किसी अमीर का लेती है
चुदवाते हुए नाम आज भी वो इस समीर का लेती है !!

Friday, June 5, 2009

होंठों को चूस

मैं अपना परिचय देना चाहता हूँ मैं विक्रम उर्फ विक्की हूँ मेरी उम्र २६ साल है और मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हू. मेरा बॉडी फिगर अट्रॅक्टिव तो नही कह सकते पर स्मार्ट फिगर कह सकते है और मैं स्मार्ट भी हूँ और लकी भी हूँ मेरे लक (भाग्य) ने हमेशा मेरा साथ दिया. अब ज्यादा बोर ना करते हुए मैं आपसे अपनी लाइफ के कुछ एक्सपीरियेन्स आप से शेयर करूँगा. जिन्हें सच मानना है वो वैसे् पढें और जिन्हें झूट लगे वो सिर्फ़ स्टोरी का लुत्फ़ ले.

बात उन दिनो की है जब मैने हाई स्कूल पास किया और इंटर मैं एडमिशन लेने के लिए कोशिश कर रहा था हालाकि मेरे मार्क्स अच्छे थे पर मैं जिस कॉलेज मे एडमिशन लेना चाहता था उसके हिसाब से कुछ कम थे. मेरे सब दोस्त एडमिशन ले चुके थे पर मैं उसी कॉलेज मैं एडमिशन लेना चाहता था. एक दिन मैं फॉर्म सब्मिट करने की कोशिश कर रहा था……कि एक लड़की मेरे पास आई. उसने कहा, हेल्लो! “विक्की”.

तभी मैंने उधर पलटकर देखा वोही आँखें वोही सीना वोही मुस्करता चेहरा. अब आप सोच रहे होंगे ये कौन है और कहाँ से आई. तो ये है वो आज की इस स्टोरी की हेरोइन. जी शिप्रा. दरसल हम लोग क्लास थर्ड से एक साथ स्टडी कर रहे थे एक ही स्कूल में. पर हम लोगो मैं कभी बात नही हुई, लेकिन आज उसने मुझे हेलो बोला, तो कुछ देर तक मेरे मुहँ से कुछ नही निकला. फिर उसने कहा - फॉर्म सब्मिट करना है? मैने कहाँ "हाँ". तो उसने कहाँ फॉर्म मुझे दे दो और मेरे साथ आओ . मैं बिना कुछ बोले उसके पीछे हो लिया. तब वो मुझे साइंस के डिपार्टमेंट मे ले गयी और अपने अंकल से मिलाया और कहाँ मैं इनको फॉर्म दे देती हूँ आपका काम हो जाएगा. पर मैने कहाँ मेरे मार्क्स कुछ कम है तो अंकल ने कहाँ कोई बात नही शिप्रा तुम्हे अप्रोच कर रही है तो तुम्हारा काम हो जाएगा.

हम लोग डिपार्टमेंट से बाहर आए तो मैं शिप्रा से बोला शिप्रा को "धन्यवाद " उसने कहाँ किस बात के लिए. मैंने कहाँ तुमने एडमिशन मे मेरी हेल्प की इसलिए. उसने कहाँ हम लोग एक दूसरे को काफ़ी टाइम से जानते है. तो दोस्त है और सच पूछो मेरी सभी फ्रेंड्स ने एडमिशन अलग अलग कॉलेज मे लिया मैं अकेली थी यहाँ. अंकल की वजह से मैं यहाँ एडमिशन लिया लेकिन कोई परिचित का ना होने की वजय से मैं चाह रही थी कोई ऐसा हो जिसे मैं यहाँ जानती हून ताकि क्लास अटेंड करने मैं बोरिंग फील ना हो. तभी तुम मुझे दिखे और मैं आपके मार्क्स जानती थी इसलिए मैने सोचा आप दोस्त भी है और जिस तरीके से आप एडमिशन ले रहे हैं वैसे तो एडमिशन होना नही है. इसलिए मैं और आपको अपने अंकल के पास ले गयी. तो नाउ वी आर फ्रेंड्स. तब मैने अपना हाथ शेक करने के लिए उसकी तरफ बढाया और कहा श्योर ………वाइ नोट.

जब इतनी बातें हम दोनो के बीच मैं हो गयी तब मुझमे कुछ हिम्मत जागी और मैं कहाँ शिप्रा क्या तुम मेरे साथ कॉफी पीने चलोगी. उसने कहाँ अगर ये रिश्वत है तो नही और अगर एक दोस्त दूसरे दोस्त से पूछ रहा हैं तो श्योर. मैंने कहा रियली एक दोस्त दूसरे दोस्त से पूछ रहा है . फिर हम लोग कॉफी पीने गये और ढेर सारी पुरानी बातें की कैसे आज तक मैं इतने सालों से उससे बातें करना चाहता था पर ना कर सका. इस प्रकार हम दोनो में दोस्ती हुई. जो पिछले ८ सालो से सिर्फ़ एक दूसरे को देख रहे हो बातें ना करते हो और अचानक वो इतनी जल्दी दोस्त बन जाते हैं. "हैं ना लक". इसलिए मैं ये सब रामकथा सुनाई आप लोगो को. चलो अब अगर आप बोर हो गये हो तो ज़रा अटेंशन हो जाए क्योंकि अब मैं शिप्रा की जवानी के बारे में बताने जा रहा हूँ.

दरसल शिप्रा एक नाटे कद की सावली लड़की थी. फेस उसका नॉर्मल था मेरा मतलब एक जनरल गर्ल आम लड़की का. उसके बावजूद वो गुड लुकिंग फेस थी. लेकिन उसमे जो सबसे अट्रॅक्टिव था वो उसके बूब्स (चुचिया) उस छोटे से बॉडी मैं छोटी फुटबॉल जितने बड़े बूब्स. सच बताऊं मैं जब से उसे जनता था, उसको कम, उसके बूब्स ज्यादा देखता था. ये सिर्फ़ मैं नही करता था हर वो लड़का टीचर लड़की करते थे की फेस नही बूब्स देखते थे. क्यूकी उसकी बॉडी मैं अगर कुछ अट्रॅक्टिव था तो वो थे बूब्स. ये बूब्स ही उसे सेक्सी हॉट और मज़ेदार बनाते थे. मैं अक्सर ख्यालो में उसके बूब्स को अपने हांथो में लेता था पर कमबख्त आते ही नही थे.

एंटर की क्लासस स्टार्ट हो गयी हम दोनो अगल-बगल बैठते थे. और स्टडी के साथ फन भी करते कॅंटीन में जाते बातें भी करते और एक दूसरे के साथ मज़ाक भी करते. फिर मैं उसे कॉलेज से उसके घर और घर से कॉलेज लाने ले जाने लगा. जब घर से वो निकलती अकेले मैं कुछ दूर पर उसका इंतज़ार करता और वो आकर मेरी मोटरसाइकल पर बैठ जाती और कॉलेज घर जाते टाइम मैं उसे घर से पहले छोड़ देता. एक दिन उसने अपनी जन्मदिन में मुझे अपने घर बुलाया और सबसे मिलाया. मैने उसके मम्मी और पापा के चरण छुए और उसकी एक बड़ी सिस्टर थी सुनीता लेकिन उससे बिल्कुल अलग पर एक चीज़ सेम थी मालूम है क्या उसके बूब्स. शायद शिप्रा से बड़े क्योंकि वो शिप्रा से दो साल बड़ी थी. उस दिन से मेरा उसके घर आना जाना शुरू हो गया. कुछ दो या तीन महीने निकल गये इन सब में. अब मैं कभी कभी स्टडी करने भी उसके घर जाने लगा. मेरा मतलब क्लोज़ हो गये हमदोनों एक दूसरे के. हमने कभी "आई लव यू " नही कहा . क्यों ……ये बात फिर कभी….पर बताऊँगा ज़रूर.

तो शायद अब आप लोग पूरी तरीके से समझ गये होंगे. तो अब मैं उस दिन की बात बताने जा रहा हूँ जिसके लिए आप ने इतना सारा पड़ा और मुझे शायद गाली भी दी होंगी. तो मेरे बेसब्र दोस्तो सब्र रखो. क्योंकि सब्र का फल मीठा होता है. तो मैं स्टार्ट करता हूँ.

उस दिन सनडे था जब मैं उसके घर गया मैने कॉल बेल दबाई अंदर से कोई आवाज़ नही आई कुछ देर बाद मैं दुबारा बेल पुश किया. तभी अंदर से मधुर सी आवाज़ आई "कौन है?"…… मैंने कहा मैं........ विक्की. उसने कहाँ एक मिनट. मैं दरवाज़े के बाहर इंतज़ार करने लगा और कुछ सोचने जा ही रहा था की दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई और खुल गया पर दरवाज़े पर कोई नही…….मैं देख ही रहा था की फिर से वोही आवाज़ आई अरे जल्दी अंदर आओ क्या वही खड़े रहोगे. मैं झट से अंदर घुसा और जैसे अंदर घुसा तभी दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ आई और मैं पलटा और पलटते ही दंग रह गया……..वो भीगे हुए बदन एक घुटनो से भी ऊपर तक के गाउन से डाले हुई थी और जांघो के नीचे से नंगे पैर…….वो जो नज़ारा था या कोई कयामत था वो कोई और नही अपनी फिल्म की हिरोइन शिप्रा थी.

उसने मेरी तरफ देखा और कहा तुम ५ मिनट वेट करो मैं बस अभी आती हूँ. और मुझे हतप्रभ वही छोड़ गयी. मैं कुछ समय के बाद नॉर्मल हुआ और सोफे पर बैठ गया. कुछ देर बाद एक लो कट टी-शर्ट और ब्लू रंग की स्किन टाइट जीन्स पहने हुए भीगे बालों को पोछते हुए वो मेरे सामने आई और कहाँ अरे! क्या हुआ ठीक से बैठते क्यों नही हो……..मैने अपने आप को ठीक किया और नॉर्मल दरशाने के लिए पूछा आज कोई दिख नही रहा. शिप्रा ने कहाँ दिखेंगे कैसे जब कोई होगा तब ना. मम्मी-पापा और दीदी सीतापुर गये है शादी अटेंड करने लेट नाइट आएँगे मेरा मन नही था इसलिए नही गयी. मैं अंदर अंदर बहुत खुश हुआ और अपने अंदर हिम्मत भी आ गयी. तो मैने कहाँ तो आज तुम अकेली हो. उसने कहा अकेले ?, नही तो, किसने कहा ? मैं कहाँ मम्मी-पापा और दीदी सब चले गये फिर कौन है तुम्हारे साथ. उसने कहाँ तुम हो ना……..मेरे मुहँ से ज़ोर सी हँसी निकल गयी……..और वो भी हंस दी. उसने तभी कहाँ रियली मैं अभी तुम्हे फ़ोन करने वाली थी मैं यहाँ अकेली हूँ तुम आ जाओगे तो साथ भी हो जाएगा, स्टडी भी हो जाएगी और समय भी कट जाएगा. अच्छा तुम दो मिनिट बैठो मैं कॉफी ले के आती हूँ. मेरी नज़र ना चाहते हुए भी बार बार उसके बूब्स की तरफ जा रही थी. भीगे बालों में वो इतनी सेक्सी लग रही थी की एक बरी तो मेरा लंड खरा होते होते बचा…..

आज मैं शिप्रा की चूचियां दबा कर ही मानूंगा चाहें जो हो जाए पर कैसे, कहीं चिल्ला दी तो, अरे नही इतने सालों से जानती हैं नही चिल्लाएगी. लेकिन अगर कहीं बुरा मान गयी तो दोस्ती टूट गयी तो………….फिर क्या किया जाए कैसे शिप्रा की चुदाई करूऊऊऊउ, कुछ समझ में नही आ रहा हैं……मैं इन्ही ख़यालो मैं डूबा था की शिप्रा की आवाज़ आई अरे विक्की क्या सोच रहें हो…..मुझे झटका लगा क्या बोलूं , बोलूं कि न बोलूँ. तभी शिप्रा की दुबारा आवाज़ मेरे कानो मैं पड़ी विक्की तबीयत तो ठीक हैं…….मैने कहाँ तबीयत ……..तबीयत को क्या हुआ ठीक तो है……बस कुछ सोच रहा था. क्या सोच रहे थे शिप्रा ने कहाँ. मैंने कहाँ, कुछ खास नही और उसके हाथों से बढाया हुआ कॉफी का मॅग ले लिया और सिप लगाया. वाकई कॉफी बिल्कुल शिप्रा की ज़वानी जैसी कड़क बनी थी. तो मैने कहाँ मुझे नही पता था कि तुम इतनी अच्छी कॉफी बना लेती हों. वो मुस्कराई और कहाँ हाआआं कभी-कभी वरना दीदी ही बनाती है.

अब हम लोग खामोश होकर कॉफी सिप कर रहे थे और मेरी नज़र शिप्रा के बूब्स की तरफ जा रही थी बार-बार लगातार. मैं कॉफी सिप करता जाता और उसके बूब्स देखता जाता मुझे ये भी ख्याल नही रहा की शिप्रा जिसके बूब्स मैं देख रहा हूँ, वो मेरे सामने बैठें ही कॉफी सिप कर रही है. दोस्तो एक बात बताऊं हम लड़के चाहें जितनी होशियारी क्यों न आते हो, पर लड़कियों की नज़रों से नही बच सकते, की आप क्या सोच रहे हो क्या देख रहे हो. वो लड़की जो बचपन से ये देखती आ रही हो कि लोगो की नज़र मेरी तरफ कम मेरे बूब्स की तरफ़ ज़यादा जाती हैं……..तो वो क्या सोचती होगी….तबी उसने मुझे टोका विक्की क्या देख रहे हो? इस सवाल ने मेरा पसीना निकाल दिया और मैं बिल्कुल हकला गया मैने कहाँ कुछ, कुछ भी तो नही. लेकिन शिप्रा आज कुछ और मूड में थी तो उसने कहाँ नही कुछ देख रहे थे………..उसके कहने के अंदाज़ ने मुझे और डरा दिया……….उसने कहाँ बोलों…….क्या देख रहे थे……मैने बरी हिम्मत करके उसके दोनो बूब्स की तरफ़ इशारा करते हुए कहाँ वूऊऊऊऊ दोनो. शिप्रा ने मेरी उंगलियों का इशारा समझतें हुए भी कहाँ मैं समझी नही मुहँ से बोलों क्या देख रहे थे………..अब मुझे ये नही समझ मैं आया की मैं क्या बोलूँ ….मैने कहाँ सीना….देख रहा था. शिप्रा ने कहाँ सीना, क्यों…..सीने मैं क्या है……अब मैं चुप क्या बोलूं उसने फिर कहाँ अरे! बोलते क्यों नही हो…..तो मैने कहाँ तुम्हारी चूचियों को………………जिस प्रकार डरते हुए उसको मैने ये वर्ड बोला …….वो ज़ोर से हंस दी…….और कहाँ आरीईईईई तो डर क्यों रहें हो कौन आज पहली बार तुम इन्हें देख रहे हो या कौन से पहले तुम हो जो इसे देख रहें हो देखने वाली चीज़ है सब देखते हैं……..तो तुम देख रहें हो तो क्या अपराध कर रहें हो……जब शिप्रा ने ये वर्ड्स बोलें तब मेरी जान में जान आई और मै मुस्कराए बगैर नही रहा सका….और अपनी झेप मिटाने लगा.

उसी वक्त शिप्रा सामने वाले सोफे से उठकर मेरे बगल में सटकर बैठ गयी और मेरे हाथों से कॉफी का मॅग ले कर टेबल पर रख दिया. और मेरी आखों की तरफ देखने लगी…….और कहाँ अब देखों जो देखना है….. मेरी समझ में नहीं आ रहा था की मैं क्या करूँ. तभी उसने अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख दिए और कहाँ शायद अब तुमको देखने में आसानी होगी. और ज़ोर से मेरे होंठों को चूसने लगी थोरी देर में मैं गरमा गया और मेरे हाथ उसकी चूचियों को दबाने लगे. और अब मैं भी उसके होंठों को चूस रहा था. ये मेरी लाइफ का सबसे बड़ा और हॉट दिन था. आज से पहले मैने कभी ऐसा महसूस नही किया था. धीरे-२ हम दोनों की साँसे गरम हो रही थी और मेरे हाथों का दबाव उसकी चूचियों पे बढता ही जा रहा था और वो ज़ोर ज़ोर से साँसे ले रही थी. तभी वो मेरे बगल से उठ कर मेरे ऊपर दोनो घुटनों को मोड़ कर अपने हिप्स को मेरे ऊपर रख कर मेरी तरफ अपना सीना दिखाते हुए बैठ गयी. मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे होंठों कों बदस्तूर दबाये जा रही थी. मैने भी उसे अपनी बाहों मे कस कर भर लिया और उसेके रसीलें होंठों को चूसने लगा जिस अंदाज़ से वो मेरे ऊपर बैठी थी उससे उसेके हिप्पस का प्रेसर मेरे लंड पर पड़ रहा था. जिसकी वजह से मेरा लंड टाइट होने लगा और उसके हिप्स को छूने लगा.

शिप्रा ने पूछा विक्की ये मेरे नीचे कड़ा कड़ा क्या लग रहा हैं मैने कहाँ शिप्रा ये मेरा लंड हैं. क्या मै इसे देख सकती हूँ, मैने कहा- डार्लिंग ये सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही है. और वो सोफे से उत्तर कर नीचे ज़मीन पर घुटने के बल बैठ गयी और अपने हाथों से मेरी पैंट के ऊपर से ही लंड पकड़ लिया और वो मेरी तरफ़ देखते हुए मेरा लंड मसलने लगी और मैने बड़कर उसके होंठों को चूम लिया और हाथों से मैं अब उसकी टी-शर्ट उतारने लगा तो उसने अपने दोनो हाथों को ऊपर कर दिया और मैने उसकी टी-शर्ट उतार दी. वो अंदर ब्रा में अपने मिनी फूटबाल जितनी चूचियां छुपा रखी थी. वो बिना परवाह किए मेरे लंड को पैंट के ऊपर से मल रही थी. मैने ब्रा के ऊपर से उन हिमालय जितनी विशाल चोटिया देख कर दंग हो गया जो कल तक मेरे सपना था आज हक़ीक़त बनकर मेरे सामने खड़ा था, जिन्हें दबाने की मैं कलपना किया करता था आज मैं उन्हें रियल में दबा रहा हूँ ........और मैने उन्हें खूब जमकर दबाया उसके बाद उसकी ब्रा खोल दी दो उछालती हुई गेंदे बाहर आ गयी उन चूचियों को मैंने क़ैद से आज़ाद कर दिया और वो अब मेरे सामने सीना ताने खड़ी थी. मैने शिप्रा को अपनी गोद मैं बैठा लिया और उसकी चूचियों को अपने मुँह मैं भर लिया और दूसरी को अपने हाथों से दबाने लगा. अब शिप्रा के मुँह से सिसकारिया निकालने लगी......आआआआआआ ईईईईईईई....................उसका बदन अंगारों की तरह तप रहा था.

मेरा लंड पैंट से निकलने के लिए बेताब हो रहा था. मैने शिप्रा से कहा- जानू अब मेरा हथियार अपने होंठों से चूसो उसने तुरंत मेरी पैंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया और उसे देख कर मेरी तरफ़ मुस्कराई और उसे चूसने लगी. में सोफे पर से उतर गया और पैंट पूरी उतार दी अब मेरा पूरा लंड शिप्रा के सामने था और वो मज़े से चूस रही थी. अब मैने अपने बचे कपडे उतार दिए और शिप्रा मेरा लंड चूसने में मस्त थी अब मैंने उसको खड़ा करके उसे अंपनी बांहों मैं भर लिया और उसकी जींस उतार दी वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने खड़ी थी औरे मैं उस नंगे बदन को निहार रहा था.

उसकी घाटी पे उगे छोटे छोटे बाल बिलकुल फूलो जैसा अहसास दे रहे थे मुझे मैने तभी एक हाथ से उसकी चूची पकड़ी और दूसरे हाथ की उंगली उसकी चूत मैं डाल दिया उसकी चूत बिलकुल गीली हो चुकी थी उसने हल्का हल्का पानी छोड़ दिया था मैंने अच्छी तरीके से अपनी ऊँगली को उसकी चूत में डाल दी धीरे से मैंने दो उंगली उसकी चूत मैं डाली तो वो सिहर उठी जब मेरी दोनों उँगलियाँ चूत के पानी से गीली हो गयी तो मैंने उन दोनों उंगलियों को मुंह में डाल ली फर्स्ट टाइम मुझे जन्नत का अहसास हुआ अब मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया हम दोनों पूरी तरीके से नंगे हो चुके थे जल्दी कोई थी नहीं क्योंकि अभी तो दोपहर थी और सबको आना था रात में. मैंने उसके पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटने लगा और चूचियों को लगातार दबा रहा था उसका बदन पूरे तरीके से भभक रहा था वो गरम हो चुकी थी पुरी तरीके से मैंने अपनी उँगलियों से उसकी चूत को चोद रहा था. उसके मुहँ से सिसकरिया निकल रही थी ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ईईईईईईईईए विक्की अब मुझे चोद दो मै बर्दास्त नही कर पा रही हूँ.

अब मैंने उसे अपने बदन के ऊपर लेता हुआ सोफे पर लेट गया और ६९ का कोण बना लिया मैंने बहुत सी ब्लू फिल्म्स में ऐक्टर और ऐक्ट्रेस को इस तरीके से मज़ा लेते देखा था इसलिए मैंने शिप्रा को बताया उसे क्या करना है वो मेरा लैंड लेकर उसे चूसने लगी और मैंने उसकी चूत को चाटने लगा मैंने उसकी चूत को कभी उंगलियों से तो कभी जीभ से चोद रहा था उससे रहा नही गया वो मेरे लंड को खा जाने वाली स्टायल से चूस रही थी और मैं उसकी चूत को बड़े प्यार से जीभ से चोद रहा था वो मेरा लंड चूसना छोड़ कर कहरारने लगी और मेरी तरफ़ याचना की नज़र से देखने लगी जैसे कह रही हो बस करो विक्की खेलना जो बाँध टूटने वाला है अब मुझसे नही रुक रहा है.....

तो मैंने उसे अब सोफे पर लिटा दिया और अपने लंड का सुपाडा उसकी चूत के मुहँ पर रख दिया और बाहर से ही उसके ऊपर लंड का लाल वाला हिस्सा जिसे सुपाडा कहते है रगड़ने लगा हम दोनों को एक जलन सा अहसास होने लगा जो कभी तो ठंडा लगता और कभी भट्टी की तरह गरम जब मुझसे भी रहा नही गया तब मैंने अपना लंड पकड़ के उसकी चूत के अन्दर डाला लेकिन चूत बहुत टाईट थी मैंने थोड़ा जोर लगाया तो शिप्रा चिल्ला उठी। मैंने उसके होठों पर अपने होठों को रख दिया और चूसने लगा कुछ सेकेंड बाद मैंने एक जोर का धक्का धीरे से दिया तो मेरा आधा लंड चूत में चला गया उसने चीखना चाहा, पर मेरे होठों ने उसकी चीख रोक दी मैंने उसके होठों चूसना बदस्तूर जरी रखा जब उसे थोड़ा आराम मिला तो एक जोर का धक्का और लगाया की चीख के साथ ही खून की एक धारा भी निकल पड़ी चूत से पर मैंने परवाह नही की क्योंकि ये तो होता ही जब नई चूत फटती है.

मैंने धीरे धीरे अपने लंड को अन्दर बाहर करना शुरु किया पहले तो उसके मुहँ से आवाजें आती रही फिर कुछ देर बाद वो भी अपनी कमर उठा उठा के मेरा साथ देने लगी. अब हमदोनों हवा में ऊड रहे थे कमर एक ताल मैं चल रही थी जब मैंने देखा शिप्रा को अब कोई दर्द नही है तो हमने अपनी स्टायल को बदल कर के डॉग स्टाइल में आ गए मैंने उसे पीछे से खड़ा करके चोद रहा था और एक हाँथ से उसके बाल पकडे हुए और एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था और अपने लंड से शिप्रा की चूत चोद रहा था और शिप्रा के मुहँ से आवाजें आ रही थी उसे लंड पहली बार खा रही थी इसलिए शोर मचा रही थी पर मैंने परवाह किए बगैर उसे चोद रहा था. तभी शिप्रा को बदन मैं झटका लगा और वो ढीली हो गई मैंने दुबारा उसे जल्दी से तैयार किया और अबकी उसे अपनी गोद में लेकर चोदा उस दिन हमने एक दूसरे को कई बार चोदा वो दिन मेरी लाइफ का सबसे हसीं पल था. मुझे मेरी जवानी का अहसास शिप्रा ने ही कराया था........हम दोनों ने फर्स्ट टाइम जन्नत की सैर की. उसके बाद हम दोनों एक साथ बाथरूम में शावर लिया और काफ़ी पीने बैठ गए. मैंने शिप्रा को आज के लिए थैंक्स कहा तो शिप्रा ने मुस्कराया और कहा नही विक्की तुम नही जानते आज मैंने तुमसे क्या पाया इसका अगर तुम्हे अहसास होता तो तुम मुझे थैंक्स न कहते बल्कि मुझे तुम्हे थैंक्स कहना चाहिए फिर थोडी देर हम लोगो ने नोर्मल होने के लिए कुछ इधर उधर की बातें की और दुबारा इसी तरीके से मौका मिलने पर एक दूसरे को चोदने का वादा किया!

उसके बाद तो हम लोगो को कई मौके मिले और हमने भरपूर फायदा उठाया. हम लोग आपस में इतने पास आ गए थे तो आपस में अश्लील हरक़त करने से नही चुकते और शायद शिप्रा की बड़ी सिस्टर को हमारी हरक़तो की भनक लग गई थी उसे कुछ डाउट रहता था इसलिए न जाने क्यों वो हमदोनो को अलग नही छोड़ती थी. ये स्टोरी आगे बताऊँगा......तो दोस्तों आपको मेरा फर्स्ट एक्सपीरियेंस कैसा लगा? अगर अच्छा लगा तो मुझे जरूर लिखें और हाँ पाठक चाहे मेल हो या फीमेल- कमेंट्स लिखना जरूरी है .इस स्टोरी मैं कुछ गलती या कमी हो तो जरूर लिखें. आपने मेरी स्टोरी पड़ी इसके लिए शुक्रिया मै जल्दी अपना एक दूसरा एक्सपीरियेंस आप लोगो के बीच जल्दी ले कर आऊंगा.

गांड मेरे लंड पे टिका

मेरा नाम सुनील है। मैंने अभी अपनी इंजीनियरिंग पूरी की है। मैं अब एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करता हूँ। जहाँ मैं काम करता हूँ वहाँ एक से एक लड़कियां आती हैं। मैं दिखने में बहुत आकर्षक हूँ, मैं जिम जाता हूँ इसलिए बढ़िया तंदुरुस्त शरीर बहुत ही आकर्षक है इसलिए ज्यादातर लड़कियां मेरी तरफ़ आकर्षित हो जाती हैं।

मेरी कंपनी में एक बहुत ही सुंदर लड़की है जो मुझे अक्सर देखा करती थी। लेकिन मैं उससे ज्यादा भाव नहीं देता था। ऑफिस में मेरी सीट बहुत ही बढ़िया जगह पर थी, एकदम गर्ल्स टॉयलेट के सामने, इसलिए कई बार आती जाती लड़कियां मुझे देख कर मुस्कुरा देती थी क्यूंकि मेरी नज़रें बहुत कुछ बयान करती थी।

एक दिन जब मैं ऑफिस से छुटी के वक्त जा रहा था अपनी गाड़ी में, तो अचानक उसी लड़की ने मुझे लिफ्ट के लिए हाथ दिया। मैंने भी ताव में आकर गाड़ी रोक दी।

उसने कहा- आप मुझे मेट्रो स्टेशन तक छोड़ सकते हैं मैं बहुत जल्दी में हूँ।

मैंने कहा- ओके सिट ! वो मेरे साथ आकर बैठ गई। वो उस दिन मेरा पसंदीदा काला टॉप नीली जींस पहन कर आई थी। उसके उभार देख कर अचानक मैं थोड़ा ललचा सा गया था, लेकिन मैंने ऐसा कुछ ज़ाहिर नही होने दिया। उसके साथ बहुत मज़ाक किया, वो बहुत इम्प्रेस हो गई और जाते वक्त अपना फ़ोन नम्बर मुझे दे गई, लेकिन मैंने उसे फिर भी कॉल नही किया।

अचानक एक दिन श्याम को मैंने देखा कि उसके नम्बर से मुझे कॉल आ रही है तो मैं हैरान रह गया। मैं समझ नहीं पाया कि उसे मेरा नम्बर कहाँ से मिला। मैंने कॉल उठाई तो कहने लगी- सुनील आज मेरा बर्थडे है और मैंने एक पार्टी रखी है, अगर तुम थोड़ा टाइम निकाल कर घर पर आ सकते हो तो मुझे बहतु अच्छा लगेगा। तो मैंने कहा- आ तो जाता पर मुझे तुम्हारा घर नहीं पता, मैं कैसे आऊँगा।

तो कहने लगी- टेक माय एड्रेस ! उसने अपना एड्रेस बताया। मैं टाइम पर पहुँच गया। मैंने उसके दरवाजे की घंटी बजाई। वो काला सूट पहने हुए थी और बेहद खूबसूरत लग रही थी।

मैंने कहा- हैप्पी बर्थडे रूही ! यू आर लुकिंग गुड !

उसने मुझे अन्दर आने को कहा। अन्दर आकर मैंने देखा कि अन्दर कोई नही है। मैंने पूछा- और कोई नही है घर में?

उसने कहा मम्मी अभी बाहर गई है और पापा मेरे लिए कुछ सामान लेने गए हैं, आते ही होंगे। फ़िर मैंने पूछा- और कोई तुम्हारा दोस्त नहीं आया तो कहने लगी कि आते ही होंगे।

आज उससे देख कर मैं मदहोश सा महसूस कर रहा था। वो थोड़ी देर में मेरे लिए कुछ खाने को ले आई और मेरे पास आकर बैठ गई। मैंने उससे फ़िर एक बार कहा कि आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो !

इतना कहते ही वो मेरे पास आ गई और मुझे गाल पे किस करके बोली- थैंक्यू !

उसकी ये हरकत काम कर गई मैंने आव देखा न ताव और उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे अपनी तरफ़ खींचा और एक किस उसके होंठों पर दे दी। वो मेरी इस हरकत से एकदम घबरा गई और कहने लगी कि ये तुम क्या कर रहे हो?

मैंने कहा- रूही तुम आज मुझे मत रोको और मैंने उससे एक और बार किस कर डाला। वो मुझे दूर धकेलने लगी लेकिन उसके हुस्न का जादू सा मुझ पर चल गया था मैंने फट से उसकी चुचियों को पकड़ लिया और उसके होंठों को पागलो की तरह चूमने लगा। अब वो भी मान गई उससे भी मज़ा आने लगा।

मैंने कहा- रूही डार्लिंग ! आइ लव यू !

उसने कहा- ये सब ठीक नही !

मैंने उसे पकड़ कर सोफे पर डाल दिया और झट से उसके बोबों को दबाने लगा। क्या टाइट चुचे थे, छेड़ते ही मज़ा आ गया। मैंने धीरे से अपना एक हाथ उसकी कमर से नीचे यौनमंडल में फंसा दिया। वो सिहर उठी, उसके रोंगटे खड़े हो गए। अब उससे भी मज़ा आ रहा था। मैंने मौका देखते ही उसकी मदमस्त गांड पर हाथ फेर दिया। उसके जिस्म से एक अच्छी सी खुशबू आ रही थी।

मैंने कहा- तुम्हें बुरा तो नही लगा रहा ना?

तो कहने लगी- मैंने तुमसे झूठ कहा था कि मेरा जन्मदिन है बल्कि मैं भी यही चाहती थी। मैं हस पड़ा और मैंने उसके यौनमंडल में ऊँगली घुसा दी लेकिन अब भी उसका कपड़े मेरे आड़े आ रहे थे। तो मैंने फट से उसकी सलवार नीचे को खींच दी। मैंने कहा तुम्हारे घर वाले तो नहीं आ जायेंगे?

वो बोली- मैंने सब सेटिंग कर रखी है वो दो दिन के लिए बाहर गए है जान !

अब मेरा रास्ता साफ़ था। मैंने उसकी कच्छी पर हाथ फ़ेरना शुरू कर दिया। उससे मज़ा आने लगा मेरा एक हाथ अब भी उसकी चुचियों पर था मैंने उसका कमीज़ भी उतार दिया जैसे ही मैंने उसके बोबो को देखा तो देखता ही रह गया। इतने बड़े गोल मटोल चुचे मैंने पहले नही देखे थे। मैंने कहा- तुस्सी छा गए !

ये कहते ही वो हस पड़ी। उसने काले रंग की पैन्टी पहनी थी। मैंने उसके चुचों को मसलते हुए उसकी पैंटी में हाथ डाल दिया। वो पहले से उबाल में थी। उसकी योनि अकड़ के फूल चुकी थी जैसे किसी ने हवा भर दी हो। मैंने हाथ फिराया तो थोड़ा सा पानी मेरे हाथ पर लग गया। मेरा लंड खड़ा हो गया उसने भी हिम्मत करके मेरे लंड पर अपना हाथ रख दिया और सहलाने लगी। वो एक नम्बर की झूठी और चुदक्कड लग रही थी मुझे।

अब मैंने खींच कर उसकी कच्छी उतार दी। वाह ! क्या बुर पायी थी उसने, एकदम गोरी साफ़। मैंने उसके बदन को सहलाना शुरू कर दिया अब उससे मज़ा आने लगा तो मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए। वो मेरी बॉडी देख कर दंग रह गई कहने लगी- जैसी सोची वैसी ही पायी। तूने मुझ बहुत तड़पाया है सुनील राजा! आज मैं अपनी सारी प्यास बुझाऊंगी। इतना कहकर उसने मेरा कच्छा नीचे खींच दिया और मेरा तडकता हुआ ७ इंच का लंड बाहर आ गया। इतना मोटा लंड देख कर वो घबरा गई और कहने लगी- अब आएगा खेल में मज़ा , कहकर उसने मेरा लंड अपने मुह में लेकर चूसना शुरू कर दिया वह क्या मज़ेदार था वो पल वो मेरा लंड अपने हलक में भी ले जा रही थी मैंने भी उसके चुचे दबाना शुरू कर दिया आह ...... ऊह.... उम्म...सो गुड और उसने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया।

जब मैं बस झड़ने ही वाला था तब मैंने उससे रोका पर वो न रुकी और सारा रस पी गई मैंने भी उससे उठा कर लेटा दिया अब वो अपनी योनि खुजाने लगी। मैं समझ गया और मैंने अपनी जीभ उसके योनि से सटा दी और उसके दाने को ज़ोर से चूसने लगा उसकी तड़प बढ़ गई। वो अपने चूतड़ ऊपर नीचे करने लगी हा ...येही .........हाँ ......बस यहीं ............. मेरे राजा ......अब मेरे शरीर की आग बुझा दो अब नही रहा जाता आह .........ओह .....सुनील माय डीयर !

लेकिन मैं भी पूरा शैतान था इतनी आराम से नही माना, उसकी गांड में अब मैंने ऊँगली घुसा दी और चूत चाटता रहा। अब वो पागल हो गई और अपने चूतड़ हवा में झुलाने लगी। मैंने एक हाथ उसके मुंह में भी डाल दिया क्यूंकि वो अब चिल्लाने लगी थी। वो शरबत बना के लायी थी मेरे लिए, मैंने उस पर नज़र गड़ाई और थोड़ा सा शरबत उसके चुचों पर डाल दिया और पीने लगा। वो मेरी इस हरकत पर हस पड़ी, बोली- तुम बहुत किताबें पढ़ते हो?

क्या? मैंने कहा- बस जान तुम्हारे लिए!

वो हस पड़ी। मैंने अब उससे सीधा लेटा दिया और अपना लंड उसकी चूत पर रख दिया। वो डर गई। मैंने कहा डरो मत, मैं तुम्हारा ख्याल रखूँगा मैंने उसकी यौनमंडल पर अपना लंड फिराया और एक झटके से आधा लण्ड पेल दिया। वो चिल्लाने ही वाली थी कि मैंने उसके मुंह में अपना हाथ दांतों के बीच में डाल दिया और उसके कंधे पर हाथ रख कर एक और झटके के साथ अपना पूरा लंड अन्दर डाल दिया। ये करते ही उसकी चींख निकल गई और आँखों से आंसू बहने लगे। वो एक कुवांरी लड़की थी, मैं तो यूंही उसे पुराना माल समझ रहा था। वो रोने लगी- इसस .....नही .....आ ..राम ..से मैंने अब अपना लंड बाहर निकाला तो उसकी चूत से बहुत सा खून बाहर आ गया। उसकी चूत एकदम लाल हो गई

मैंने एक बार फ़िर उससे चोदना शुरू कर दिया। उसका शरीर अकड़ने लगा लेकिन उसके धक्के कम नही हुए हाँ ..........धीरे .......से मैंने उससे धीरे धीरे झुकाना शुरू कर दिया अपनी और और उसकी टांगो को अपने कंधे पर रख दिया अब उसका दर्द बढ़ गया और मज़ा भी वो अपनी तरफ़ से धक्के लगाने लगी हा ......हा .....हए....माँ .... मैं गई और इतना कह कर वो झड़ गई और थोडी देर में मैं भी ठंडा हो गया। वो मुझ पर गिर गई और मुझे चूमने लगी आइ लव यू सुनील ....................आइ लव यू टु रूही ...इतना कह कर मैंने उसे उल्टा लिटा दिया और उसके शरीर पर मालिश करने लगा वो फ़िर मुझ से लिपट गई मेरा लंड फ़िर खड़ा हो गया मैंने उससे झुका दिया और उसके गांड पे थूक दिया ये क्या कर रहे हो मैंने उसकी गाडं को मसला तो उसे मज़ा आने लगा मैंने अब अपना लंड उसकी गांड पर रखा और अन्दर घुसाना चाहा पर उसकी गांड बहुत टाइट थी आराम से नही घुस रहा था। मैं अब सीधा लेट गया और उससे ऊपर आने को कहा वो मान गई और उसने अपनी गांड मेरे लंड पे टिका दी वाह क्या जन्नत थी मैंने उससे रोक कर अपने आप से धक्के लगाने शुरू कर दिए उसे अब मैं बहुत अच्छा लगा रहा था हम्म .....हम्म ...इस ...हम्म ....हा ..गर्र ....हम्म ..इस और १५ मिनट में मैं झड़ गया उसके बाद हम दोनों ने साथ में शोवेर लिया और मैं अपने घर चल गया।

ममता की चुदाई -- कमरे में



मैं संजु, 26, लखनऊ। "बात उन दिनो की है जब मैं 15-16 साल का था। मैं एक लड़की को चाहने लगा कब प्यार हुआ पता ही न चला। इतनी ज्यादा जनकारी भी नहीं थी स्कूल में मुझे सब हीरो जैसे अजय देवगन कहते थे। स्कूल में बहुत लड़कियों से दोस्ती थी लेकिन उनके लाइन देने के बाद भी मुझे उनसे प्यार नहीं था। मुझे प्यार ममता से हुआ जो कि मेरी ही कोलोनी में रहने आयी थी। वो महाराष्ट्र से आयी थी। मैं वहाँ पर क्रिकेट खेलने जाता था। 5'6" हाइट गोरा चिट्टा रंग कोलोनी के सब लड़के उसे लाइन मारते थे। नये साल पे मैने हिम्मत करके उसे लव लेटर दिया तो उसने जवाब दिया। आई एम सीनियर यू आर जूनियर। वो 11वीं में थी और मैं 10वीं में था लेकिन मुझे उससे प्यार हो गया। मैं उसे किसी भी कीमत पर प्यार करना चाहता था। मैने उसकी दोस्त जो देविका थी उससे कहा कि वो मुझसे रिश्ता बनाये चाहे जो भी रिश्ता, मुझसे बात करे। मैं रियली उसे प्यार करता हूँ, मेरी हालत पागलों से भी बदतर थी। मुझे न भूख लगे न प्यास। सिर्फ़ वही दिखती थी। आखिर वो दिन आ ही गया जब उसने मुझे अपने घर बुलाया बात करने के लिये। एक बात बताऊं वो मेरी सीनियर थी मेरी गांड फ़ट रही थी कि कहीं मेरे घर में बता न दे। मैं टोपर स्टुडेन्ट था इसलिये मेरे सभी इज़्ज़त करते थे। अरे भैया। मैं उसके दरवाजे पर पहुँचा तो मुझे 104 डिग्री फ़ीवर था। उसके छोटे भाई ने मुझे एक टुकड़ा कागज़ का दिया और बोला दीदी ने आपको देने को कहा है। जिस पर लिखा था" आई लव यू माई अजय देवगन'" + इसके आगे हम और क्या कहें जानम समझा करो। शाम 6 बजे घर पर आना। कोई नहीं होगा। मैं आपको चाय पिलाऊंगी। प्लीज़ आ जाना ilu तुम्हारी ममता। अब तो मेरी खुशी का कोई ठिकाना ही नहीं था। शाम 6 बजे मैं उसके घर गया। उसने नीले रंग का सूट पहना हुआ था बहुत खूबसूरत थी मेरी ममता गोरा रंग 5'6" हाइट अच्छी फ़ीगर गोल चूचियां गोरी झांघे वो सबकुछ उसमे था जो किसी को भी पागल कर दे। लंड को टाइट कर दे हाथ मसलने को मजबूर कर दे 18 साल की कमसिन चुदायी वाली उमर। यहाँ तक कि अगर कह दे तो मैं किसी को भी गोली मार देता। उसने मुझसे नमस्ते किया तो मैं बोला सोरी आप मेरी सीनियर हैं वो बोली पहले सीनियर थी पर आप अब मेरे सबकुछ हो मुझे वो फ़ील हुआ जो मैं शब्दों में नहीं कह सकता हूँ
रियली शी इज़ माई फ़र्स्ट लव एवर एंड फ़ोरेवर, इट इज़ माई रियल सेक्स स्टोरी। प्रिय पाठकों, मैं उसे आज भी प्यार करता हूँ। अब आगे सुनिये उसने मेरा हाथ पकड़ा और कहा "डरो नहीं रियली आई लव यू" मैं भी आपको चाहती थी पर डरती थी कि कहीं आप नाराज न हो जायें इसलिये नहीं कहा। डियर संजु जब तुम्हारे पास लड़कियां होति हैं तो मैं बहुत जलन फ़ील करती हूँ। मुझे दूर मर करना, इतना कहकर वो मेरे सीने से लिपट कर रोने लगी। मैं भी रो रहा था। पहली बार कोई लड़की मेरे सीने से लिपटी थी उसकी चूचियां मेरे सीने से चिपक रही थी मेरा लंड खड़ा होने लगा फ़िर उसने अपने गुलाबी होंठों से मेरे लिप्स को फ़्रेंच किस करने लगी मैं उसकी पीठ पर हाथ फ़ेर रहा था वो रो रही थी। किस करते समय उसने अपनी जीभ से मेरी जीभ चाटने लगी ये मेरे लिये पहला एक्सपेरिएंस था मेरा लंड खड़ा हो गया और उसकी चूत के पास छूने लगा मुझे लगा वो बुरा मान जायेगी मगर वो धीरे से बोली संजु क्या पहले ही दिन ये सब ठीक रहेगा। मैं बोला क्यों क्या मतलब वो बोली अच्छा चलो कोई बात नहीं मैं तो तुम्हारी ही हूँ जो करना चाहो करो। अब मेरे समझ में न आये कि क्या करूं? कैसे करते हैं? वो बोली सामान तो दिखाओ और मैंने अपनी जीन्स की ज़िप खोल दी। उसके मुलायम गोरे हाथों से मेरा 7" इंच लम्बा मोटा लंड बाहर निकाला तो आँख मार कर बोली यार ये तो बहुत बड़ा है मैं अब पूरे जोश में था। मैं उसको बेड पर ले गया और जींस उतार दी सिर्फ़ अंडरवियर में था। मैने उसके होंठों को कसकर चूमने लगा। मेरे हाथ में उसके बूब्स थे गोरे गोरे गोल गोल भूरे रंग की भुंडी, ब्रा नही पहने हुए थी सलवार का नाड़ा पकड़ कर खोला। तो वो शरमाकर आँखें बंद कर ली। मैं बोला डियर अब काहे की शरम मैं आपका पति हूँ वो बोली तो मैं कुछ कह रही हूँ क्या........अब आप ही मेरे सबकुछ हो.... मेरा सबकुछ आपका ही है जो चाहो करू......... उसे विश्वास था कि हम लोगों की शादी हो जायेगी क्योंकि हम एक ही जाति के थे
उसके मेरे बीच प्यार बहुत था........ हम दोनो के ही पिता ओफ़िसर हैं इसलिये कोई प्रोब्लम का सवाल ही नहीं था... मैं भी शादी करना ही चाहता था। सलवार खोल कर अलग किया उसकी गोरी गोरी जांघें मेरा स्पर्श पाकर और भी गरम हो गयी उसकी पैंटी में थोड़ा छेद था देखा तो मैने उंगली डाली तो बोली अरे यार पैंटी दोनो गीली थी इसलिये ये पुरानी पहन ली थी। हँस कर बोली यार तुम तो मेरी गरीबी का मज़ाक बना रहे हो मैं बोला डियर आप बहुत ही मालदार हैं। बोली माल तो नीचे है मेरे सजना इस चड्ढी को फ़ेंक दो और अपने माल को ले लो इतना कहकर वो शरमा गयी....पैंटी उतारा तो उसकी बुर बिल्कुल गोरी उस पर भूरे छोटे बाल हल्के हल्के अब तो मैं पागल हो गया बुर को छुआ तो लगा जैसे भट्टी हो गरम गरम बुर को मैं सहलाने लगा तो वो स्सस्सस्सस्स आह ओह्हह्हह्हह्हकया कर रहे हो प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़......मैने उसकी बुर की स्लिट में उंगली डाली तो बोली क्या उंगली ही डालेंगे आप वूऊऊऊ कहकर चुप हो गयीए........मैने कहा रोको डार्लिंग अभी सब डालूंगा जी भर कर तुझे चोदूंगा पहले तेरी चूत चाट लूँ.........जीभ से मैं उसकी चूत के दोनो हिस्सों को चाटकर चोदने लगा मैं उत्तेजित हो रहा था वो आह ओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह मार डालोगे..... चोद दो प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ फ़िर मैने उसके मुंह में अपना लंड डाला तो बोली चाटो मज़ा आ रहा था 69 की पोज़िशन में हम दोनो पागल हो रहे थे वो बोली संजु........लंड धीरे से डालना प्लीज़ वरना मेरी खूबसुरत बुर फ़ट जायेगी ..........समझ रहे हो न..........मैने अब उसकी बुर पर सुपाड़ा रखा तो लंड बुर में नहीं गया फ़िसल गया तो......... हँस कर बोलि बुद्धु ऐसा न ही होगा.....और मुँह से थूक निकाल कर मेरे लंड पर डाल दिया और लंड को बुर के मुँह पर खींचा मैने हल्के से शोट दिया तो बुर में 2 इंच अन्दर गया। वो बोली दर्द हो रहा है। अब मेरे लंड को चूत की गरमी मिल गयी थी मैं होंठओं को चूसे जा रहा था धीरे धीरे 56 बार अन्दर बाहर किया अब उसे मजा आ रहा था नीचे से कमर भी हिला रही ....थि .......वो बोली आप इतना ही डालो ...अब दर्द में भी मजा आ रहा है लेकिन मैं तो पूरा लंड इसकी बुर में डालना चाह रहा था मैं बोला देखो ममता अब तुम्हें पूरे लंड का मजा देता हूँ...दूसरा शोट लगाया तो मेरा लंड पूरा का पूरा उसकी बुर में घुस गया ... वो इतनी तेज़ चिल्लायी कि मैं डर गया कि कोई पड़ोस से न आ जये...........अब जोर से मैने उसके शरीर पर दबाया कि वो उठ न जाये.........बोली हटो मैं मर गयी प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ खून आ गया था.......... मुझे छोड़ दो प्लीज़ बहुत दर्द हो रहा है................ मैं जानता था कि अगर इसे छोड़ा तो फ़िर इस डर की वजह से कभी नही चुदवायेगीईईईए सो........मैने धीरे धीरे 78 शोट लगाये तो उसका विरोध कुछ कम हुआ बोली मार डालोगे क्या हल्की मुस्कुराहट के साथ कमर भी हिलाने लगी....