Tuesday, May 5, 2009

चूत के अन्दर

हाय मेरा नाम निशा है। मेरी उम्र २६ वर्ष है। मैं एक प्राइवेट कम्पनी के मुख्य आफिस में काम करती हूॅ। दो वर्ष पहले मेरा मेरे पति से तलाक हो गया है। मैं आपको अपने बॉस के साथ पहली बार के सेक्स अनुभव के बारे मे बता रही हूॅ। मेरे बॉस जिनकी उम्र ३५ के लगभग थी उन्होने मुझे अपने केबिन में बुलाया। उन्होने मुझसे रिक्वेस्ट की क़ि आज मैं अगर शाम को थोडी देर रूक जाऊॅ क्योंकी आज काम ज्यादा है। मैने उन्हें हॉ कह दी और अपने केबिन में लौट आयी। शाम के छ: बज चुके थे सब लोग अपने द्यर के लिये निकल रहे थे।

बॉस ने मुझे अपने केबिन में बुलाया। और कुछ फाइलें मेरे सामने रख दी जिन्हें मुझे चेक करना था। बॉस ने हमारे चपरासी से बोला कि वह भी जा सकता है क्योकी वह आज देर तक रूकेगा।

शाम के सात बज रहे थे ऑफिस मे कोइ भी नही था। हम दोनो अपने काम में व्यस्त थे। कुछ देर बाद मेरे बॉस ने मुझसे पुछा कि क़्या मैं कॉफी लेना पसन्द करूॅगी मैने हॉ मे सर हिलाया। उन्होने कॉफी बनायी और मेरे लिये उन्होने टेबल पर रखा। काम लगभग खत्म होने को था। हम कॉफी पी रहे थे कि बॉस ने मेरे बारे में पूछना शुरू कर दिया। उन्होने मुझसे पूछा कि क्यों मैने अपने हसबैंड से तलाक लिया। उन्होने पूछा कि म़ेरी सेक्सुअल जिन्दगी कैसी थी। मुझे उनके इस प्रश्न के उत्तर देने में झिझक सी हुयी। मैंने कहा कि ठ़ीक थी। फिर वह अपने बारे में बताने लगे कि उनकी और उनकी पत्नी के बीच सम्बन्ध कुछ अच्छे नहीं थे। बातों बातों में उन्होने मुझसे मेरे सेक्स विचारो को पूछा। मुझे थोडा शर्म आयी।वो अपनी कुर्सी से उठकर मेरे पास आये और मेरे कन्धों पर अपना हाथ रखा और पूछा कि क्या वो मेरे साथ आनन्द उठा सकते है। वो मेरा बॉस था यह वो अच्छी तरह से जानता था। यही बात मेरे दिमाग मे आयी लेकिन उसने मुझे कुछ भी कहने का मौका नही दिया। उन्होनेे अपना हाथ मेरी छाती पर रक दिया। मैंने साडी पहन रखी थी म़ेरे उभारों को कपडों के ऊपर से कस कर भींच दिया। एक अरसे के बाद मेरे बदन पर किसी मर्द का हाथ था। मैं विरोध नहीं कर पायी। मुझे अब इसकी सख्त जरूरत महसूस होने लगी थी।
मेरे कानों में एक आवाज आयी ।ऩिशा मुझे इन्हें देखने दो।नहीं प्लीज।
इसके अलावा मेरे मुँह से कुछ नहीं निकला। लेकिन उन्होने कुछ भी नहीं सुना और मेरी साडी मेरे सीने के ऊपर से गिरा दी। मेरे बूब्स को मेरे ब्लाउज के ऊपर से दबाया। मेरे मुँह से एक आह सी निकल पडी । उन्होने मेरी वासना को भड़का दिया था। मैं उनके हाथों का बहुत हल्का सा विरोध कर रही थी जो मेरे बलाउज को खोल रहे थे। लेकिन सच्चाई यह थी की मेरा मन यह सब खुशी से स्वीकार कर रहा था। उन्होने मेरे ब्लाउज को खोल दिया और अगले ही पलों मे उन्होने मेरे ब्रा को भी खोल कर उन्हें नीचे गिरा दिया। मैं उनके सामने आधी नंगी खडी थी। मैं अभी तक उस कुर्सी पर ही बैठी थी। मेरे बूब्स को अपने हाथो मे लेकर वे उसके साथ खेलने लगे। मुझे पूरा आनन्द आ रहा था मेरी ऑखे बन्द थी। उन्होने मुझे उनके कपडे उतारने को कहा। मैंने उनकी पैंट शर्ट और अन्डरवियर उतार दी। उनका लण्ड काफी बडा और मोटा था जिसे देखकर मैं अपने को रोक नहीं पायी और पूरा का पूरा लण्ड मैंने अपने मुॅह में ले लिया। मैंे उनके लण्ड को चूसने लगी। थोडी देर मे मेरे बॉस अपने लण्ड को मेरे मुॅह में अन्दर बाहर करने लगे। मुझे लगा कि अब उनका वीर्य निकल जायेगा तो मैंने चूसना बन्द कर दिया और खडी हो गयी।
उन्होने मेरे सारे कपडे झटके में निकाल डाले और पास ही पडे सोफे पर मुझे लिटाया। उन्होने मेरे पैरो को फैलाया और अपनी अंगुली को मेरी चूत में डालकर उसे अन्दर बाहर करने करने लगे। थोडी देर में मुझसे बरदाश्त के बाहर हो गया मैने उनसे कहा प्लीज सर जल्दी कीजिये अब बरदाश्त नहीं होता। वे एक पल की भी देरी किये बिना मेरी जांद्यो के बीच पहुॅच गये और अपना लण्ड मेरी चूत में द्युसा दिया। उनका लण्ड सरसराते हुये मेरी चूत की दीवारों को रगडता हुआ अन्दर तक पहुॅच गया। और अगले ही पल वह बाहर की ओर मैं स्वर्ग में थी। इतने दिनो के बाद पहली बार कोई पुरूष मेरे शरीर के साथ खेल रहा था। मैं अपनी चूचियों को अपने हाथो मे लेकर मसल रही थी और उधर मेरे बॉस मेरी चूत को जबरदस्त ढ़ग से चोद रहे थे। उनका लण्ड बहुत तेजी से मेरी चूत के अन्दर बाहर हो रहा था। मैं अपने चरमोत्कर्ष पर पहुॅच गयी और मेरी चूत से गरम पानी निकलने लगा। मेरे बॉस ने मुझे कसकर पकड लिया और तेजी से मुझे चोदने लगे। मुझे मालुम था उनका वीर्य अब बाहर निकलने वाला था। उनका लण्ड तेजी से मेरी चूत के अन्दर बाहर होने लगा। मैने उनसे बोला सर प्लीज अपना वीर्य मेरी चूत मे मत डालियेगा वरना मैं प्रेगनेन्ट हो जाऊॅगी। उन्होने अपने लण्ड को निकाला और मेरे मुॅह मे डाल दिया और अपने हाथों से हिलाने लगे । मेरा मुँह उनके वीर्य से भर गया।

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